Abdul Salam suicide case, Kurnool: Andhra Pradesh के Nandyal शहर में एक मुस्लिम परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली. परिवार ने आत्महत्या से कुछ मिनट पहले Police पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए एक suicide Video रिकॉर्ड किया.
उन्होंने वीडियो मे कहा कि उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उनके पास लगातार पुलिस उत्पीड़न से छुटकारा पाने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं था.
45 वर्षीय अब्दुल सलाम (Sheikh Abdul Salam) के परिवार में पत्नी नूर जहां (Noorjehan) (38 वर्ष) व 14 वर्षीया बेटी सलमा (Salma) व 10 वर्षीया बेटा धाधी कलंधर (Dadhi Khalandar) थे.
3 November को सामूहिक रूप से आत्महत्या करने से पहले इस परिवार ने Suicide Video शूट कर अपनी पीड़ा बतायी, जिसमें अब्दुल सलाम रोते हुए दिख रहे हैं. 4 November को इस परिवार का शव बरामद हुआ.
इस परिवार ने पनयाम पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कवुलुरू गांव में ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली. अब्दुल की बेटी दसवीं में पढती थी और बेटा चौथी कक्षा में.
अपने आखिरी वीडियो में, उन्होने कहा कि उन्हें दो अपराधों में झूठा आरोपी बनाया गया था, जिनके साथ उनका कोई संबंध नहीं था.
“मैंने कुछ गलत नहीं किया. ऑटो, या दुकान में हुई चोरी से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं यातना सहने में असमर्थ हूं. हमारी मदद करने वाला कोई नहीं है. यही कारण है कि मुझे उम्मीद है कि कम से कम मेरी मृत्यु से मन को शांति मिलेगी”, Abdul Salam ने कहा.
हालाँकि, Abdul Salam suicide case में दो पुलिस, सर्कल इंस्पेक्टर, सोमशेखर रेड्डी (CI Somasekhar Reddy) और हेड कांस्टेबल गंगाधर (head constable Gangadhar) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
अब्दुल सलाम का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और आंध्रप्रदेश में अब इस मामले पर राजनीति भी तेज़ हो गयी है.
आंध्रा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM N Chandrababu Naidu) ने अब्दुल सलाम का वीडियो शेयर करते हुए कहा, रेल की पटरियों पर बिखरे नंद्याला के अब्दुल सलाम और उनके परिवार के शरीर के टुकड़ो को देखकर प्रत्येक नागरिक की आत्मा को हिला दिया है. प्रणालीगत उत्पीड़न और पुलिस की बर्बरता के कारण सलाम परिवार को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया गया था”.
The visuals of the mutilated bodies of Nandyala’s Abdul Salam & his family scattered across railway tracks have shaken the conscience of every citizen in AP. The Salam family was pushed to suicide due to systemic oppression and police brutality.(1/3)#JusticeForAbdulSalamFamily pic.twitter.com/0VmOP39mrf
— N Chandrababu Naidu #StayHomeSaveLives (@ncbn) November 11, 2020
उन्होने ने आगे कहा, Abdul Salam को एक चोरी के मामले में, जो उन्होंने कथित तौर पर भी नहीं किया था. फंसाने के लिए मानवता के सभी प्रोटोकॉल तोड़ दिए गए थे. बेगुनही की गुहार लगाने वाली वाला उसकी आवाज़ हमारी स्मृति में हमेशा बनी रहेगा। दुर्भाग्य से और खतरनाक रूप से, यह एक बार की घटना नहीं है.
YSRCP सरकार ने Andhra Pradesh को एक अत्याचारी राज्य में बदल दिया है जहां नागरिक हिंसा की चपेट में हैं, और अधिकारियों को कानून और नियमो का पालन करने का कोई डर नही है. मैं असहाय नागरिकों के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता हूं और सरकार को चेतावनी देता हूं कि वह इसकी एक भारी कीमत चुकाएगी.
वहीं मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
Abdul Salam suicide case की पूरी कहानी
सलाम पर एक आभूषण की दुकान में चोरी का आरोप लगाया गया था जहाँ वह पहले काम किया करते थे. स्टोर के मालिक को संदेह था कि सलाम ने सोना चुराया था, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा भी था. जमानत पर रिहा होने के बाद, उसने किराए पर ऑटो चलाना शुरू किया. इसके बाद जब वे जमानत पर जेल से बाहर आए तो आटो चलाकर गुजारा करने लगे.
इस दौरान उन्हें पुलिस थाने में हर महीने हाजिरी देने और हस्ताक्षर करने के लिए जाना पड़ता। जब हर महीने अब्दुल थाना जाते तो पुलिस उनका फिर उत्पीड़न करती थी.
कुछ दिन पूर्व एक व्यक्ति का बैग चोरी हो गया तो पुलिस ने इसका भी आरोप अब्दुल सलाम पर लगा दिया. पुलिस ने आरोप लगाया कि उस व्यक्ति ने उनके आटो से सफर किया था और उसी दौरान उन्होंने बैग चुरा लिया. इस मामले में भी उनका उत्पीड़न किया गया. ज्वेलरी दुकान के मालिक ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और विभिन्न तरीकों से उनका उत्पीड़न करता रहा.
हालांकि, उसे दुकान के मालिक और पुलिस द्वारा लगातार प्रताड़ित किया गया, रिश्तेदारों ने मीडिया को बताया. हर बार जब वह पुलिस राज्यों में नियमित औपचारिकताओं के लिए जाते थे, तो अधिकारी उन्हें गालियाँ देते थे.
आत्महत्या करने से पहले रिकार्ड किए गए वीडियो में अब्दुल व उनकी पत्नी नूरजहां रोते नजर आ रहे हैं. अब्दुल धीमी आवाज में बोलते हुए और अपनी पीड़ा बताते हुए दिख रहे हैं. उनके बच्चे उस वीडियो में साथ में आश्चर्य व सवालिया भाव वाले चेहरे के साथ नजर आ रहे हैं.
उनकी पत्नी पूछती है कि हमें क्या करना चाहिए, तो अब्दुल कहते हैं उन दो अपराधों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें पुलिस ने हमें फंसाया है और वे अब और यातना सहन करने में असमर्थ हैं.
Abdul Salam के रिश्तेदारों ने मीडिया से कहा कि वे अब मानसिक रूप से इस हालत में नहीं थे कि और उत्पीड़न झेल लेते. अब्दुल का suicide Video शनिवार को वायरल हुआ और रविवार को मामले ने तूल पकड़ लिया.
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने डीजीपी को Abdul Salam suicide case मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा. उधर, इस मामले में एक सीआइ व हेड कांस्टेबल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
मामले की जांच शुरू हो गई है, और मुख्यमंत्री YS Jaganmohan Reddy, ने दो आईपीएस अधिकारियों, आईजीपी संकेत ब्रागा बागची और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरिफ हफीज को मामले की आगे की जांच करने के लिए नियुक्त किया है.
दोनों पुलिसकर्मियों पर धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) और 306 (आत्महत्या का अभियोग) भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज किया गया है.