KISAN ANDOLAN 2.0 FARMERS GAVE DELHI CHALO SLOGAN: देश के अन्नदाता और केंद्र सरकार एक बार फ़िर आमने–सामने हैं। पंजाब–हरियाणा (Punjab-Haryana) के 26 किसान संगठनों ने अपनी मांगों के लिए 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। इस आंदोलन को ‘दिल्ली चलो’ (Delhi Chalo) नाम दिया गया है। किसान आख़िर फ़िर से प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं, ये आपको बताएंगे। लेकिन इससे पहले जानिए कि किसान आंदोलन 2.0 (Kisan Andolan 2.0) को रोकने के लिए प्रशासन क्या तरीके अपना रहा है।
कंटिली तारों का जाल, कंक्रीट के स्लैब का सामना करेंगे किसान
दिल्ली कूच (Delhi Chalo) के ऐलान के बाद सिंघू–टिकरी बॉर्डर पर सख़्ती बरती जा रही है। पंजाब–हरियाणा के शंभू, खनौरी समेत बाकी बॉर्डरों पर बैरिकेड, कंटीली तारों से पाबंदी बढ़ा दी गई है। हरियाणा के 7 ज़िलों में फ़िलहाल के लिए इंटरनेट भी बंद है। वहीं गाज़ियाबाद के गाज़ीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर ट्रैक्टरों को रोकने के लिए कीलें, कंक्रीट के स्लैब और बैरिकेड लगा दिए गए हैं।
#WATCH | Security heightened and barricades placed at Ghazipur on Delhi-UP border, in view of farmers’ protest march towards Delhi tomorrow pic.twitter.com/B1X3mFtnSv
— ANI (@ANI) February 12, 2024
दिल्ली पुलिस ने 1 महीने के लिए धारा 144 लागू करने के साथ दिल्ली में ट्रैक्टरों की एंट्री रोक दी है। यूपी–हरियाणा बॉर्डर पर गाड़ियों के लिए ट्रैफिक एडवाइज़री जारी की है। सभी बॉर्डर पर BSF और CRPF के तक़रीबन 5000 जवानों को तैनात किया गया है। ऐसी भयंकर तैयारी सुनकर आप सोच रहे होंगे ये सब किसानों (Farmers) को नहीं, बल्कि ख़ूंख़ार अपराधियों को रोकने के लिए हो रही है।
क्रूरता की सारी हदें पार, सड़क पर खड़ी कर दी नुकीली कीलें और तार pic.twitter.com/z1OGC3ozbJ
— Gaon Savera (@GaonSavera) February 12, 2024
चलिए अब जानते हैं आख़िर किसानों (Farmers) ने सरकार के सामने क्या मांगे रखी हैं?
Kisan Andolan 2.0 मुख्य तौर पर इन मांगों के लिए हो रहा है।
- सभी फसलों की ख़रीद पर MSP की गारंटी का कानून बने।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से MSP तय हो।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सज़ा दी जाए।
- 2020 किसान आंदोलन के मृतक किसानों के परिजनों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी मिले।
- नकली बीज, पेस्टीसाइड और खाद बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ़ सख़्त कानून बने।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फ़िर से लागू करके केंद्र के राज्य सरकारों को दिए निर्देशों को रद्द किया जाए।
- किसानों और 58 साल से ज़्यादा उम्र के कृषि मज़दूरों के लिए 10 हज़ार प्रति माह की पेंशन योजना लागू की जाए।
- मनरेगा में 200 दिन का काम और 700 रुपए दिहाड़ी मिले।
- मिर्च, हल्दी और बाकी मसालों के लिए राष्ट्रीय बोर्ड का गठन हो।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करे सरकार।
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Faraaz
Faraaz is pursuing PG Diploma in TV Journalism from Jamia Millia Islamia, New Delhi.