Indira Gandhi की पुण्यतिथि: भारत की Iron Lady कही जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री Indira Gandhi (इंदिरा गांधी) की हत्या आज ही के दिन यानि 31 October वर्ष 1984 में उन्हीं के दो बॉडी गार्ड Satwant Singh (सतवन्त सिंह) और Beant Singh (बेअंत सिंह) द्वारा करी गई थी। आज इंदिरा जी की 37वीं पुण्यतिथि पर हम आपको बताएंगे क्या हुआ था 31 October 1984 को और क्यूँ उनके अपने ही बॉडी गार्ड ने उनकी हत्या करने का कदम उठाया।
शायद एक दिन पहले ही Indira Gandhi (इंदिरा गांधी) को हो गया था मौत का आभास :
ऐसा कहा जाता है की Indira Gandhi को अपनी मौत का आभास एक दिन पहले यानि 30 October को ही हो गया था। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्यूंकी 31 October 1984 को इंदिरा गांधी Bhubhaneshwar, Odisha में एक सभा को संबोधित कर रही थी जिसमें की उन्हे उनके सूचना सलाहकार HY Sharda Prasad द्वारा लिखा एक लंबा चौड़ा भाषण दिया गया था लेकिन उस दिन उन्होंने उस लिखे भाषण को बोलने के बजाए जनता के सामने अपने मन की बात बोलने लगीं। अपने भाषण के दौरान Indira Gandhi (इंदिरा गांधी) ने अपनी मौत का जिक्र करते हुए चौंका देने वाली बातें कहीं। उन्होंने कहा की:
“मैं आज यहां हूं, कल शायद यहां न रहूं…जब मैं मरुंगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा”।
सभा में मौजूद जनता समझ नहीं पा रही थी की Indira Gandhi (इंदिरा गांधी) आज ऐसी बातें क्यूँ कर रही हैं। लोगों के लिए उनकी कही हुए बातें जैसे मानो एक अचानक से लगा झटका था। नीचे दिए गए विडिओ में आप देख सकते हैं इंदिरा गांधी का दिया हुआ आखिरी भाषण:
Operation Bluestar के बाद से ही मंडराने लगा था खतरा:
ऑपरेशन ब्लू स्टार 1 और 8 जून 1984 के बीच किया गया एक बड़ा भारतीय सैन्य अभियान था, जिसमें की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमृतसर, पंजाब में हरमंदिर साहिब परिसर की इमारतों से नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindrawale) और उनके अनुयायियों को हटाने का आदेश दिया था।
जून 1984 में भारत सरकार ने अमृतसर, दरबार साहिब और तीस अन्य गुरुद्वारों को खाली करने के लिए एक साँय अभियान चलाया इन तीर्थस्थलों मे जरनैल सिंह भिंडरावाला के नेत्रत्व में कई और अन्य तीर्थयात्री भी थे। इस ऑपरेशन के दरूयं भारतीय सेना के लगभग 3000 जवान शहीद हुए और 700 घायल हुए। ऑपरेशन में 200-250 सिख मिलिटैंटस को मार गिराया गया था।
ऑपरेशन के दौरान पवित्र तीर्थ स्थल को नुकसान और दोनों पक्षों की जानमाल की क्षति के कारण भारत सरकार की व्यापक आलोचना हुई थी। इसके बाद से ही इंदिरा गांधी की जान पर खतरा मंडराने लगा था। हत्या की आशंका से Intelligence Bureau (IB) द्वारा उनके सभी सिख बॉडी गार्ड को हटा दिया गया था।
हालांकि गांधी की राय थी कि इससे जनता के बीच उनकी सिख विरोधी छवि मजबूत होगी और उनके राजनीतिक विरोधियों को मजबूती मिलेगी। बाद में उन्होंने विशेष सुरक्षा समूह को अपने सिख बॉडी गार्ड की रोक को बहाल करने का आदेश दिया, जिसमें बेअंत सिंह (Beant Singh) भी शामिल था, बेअंत गांधी के पसंदीदा रक्षकों में से एक था , जिसे वह दस वर्षों से जानती थीं।
31 October 1984 का वो दिन:
भारतीय समयानुसार 31 October को सुबह 9:20 हो रहे थे इंदिरा गांधी ब्रिटिश अभिनेता Peter Ustinov द्वारा लिए जाने वाले एक इंटरव्यू के लिए निकल रही थी, उन्होंने काले बॉर्डर वाली भगवा रंग की साड़ी पहनी हुई थी। उनके साथ थे कांस्टेबल Narayan Singh, निजी सुरक्षा अधिकारी Rameshwar Dayal और निजी सचिव R.K. Dhawan। वह नई दिल्ली के नंबर 1 सफदरजंग रोड पर प्रधान मंत्री निवास के बगीचे से पड़ोसी 1 अकबर रोड कार्यालय की ओर जा रही थी।
जब इंदिरा गांधी 1 अकबर रोड के द्वार पर पहुंचीं, तो वह R.K. Dhawan के साथ बातचीत कर रही थीं, Narayan Singh उन्हें सर्दियों की शुरुआती धूप से बचाने के लिए एक काला छाता लिए हुए थे। अचानक, उनके एक अंगरक्षक (bodyguard) बेअंत सिंह ने अपनी रिवॉल्वर से उन पर गोली चला दी। वो गोली उनके पेट में लगी। बेअंत सिंह ने तुरंत दो और गोलियां चलाईं जो की उनके सीने में लगी।
एक अन्य हमलावर, सतवंत सिंह (Satwant Singh) पास में अपनी कार्बाइन पकड़े खड़ा था, जब बेअंत सिंह (Beant Singh) ने इंदिरा गांधी पर गोली चलाने के लिए उस पर चिल्लाया तो सतवंत सिंह ने तुरंत ही सभी 25 गोलियां खाली कर दीं, जिनमें से ज्यादातर इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के शरीर को छेदती हुई निकल गईं। रामेश्वर दयाल (Rameshwar Dayal) को भी गोली लगी और वो गिर गए।
फिर दोनों हमलावरों ने अपने हथियार फेंक दिए और बेअंत ने कहा, “मुझे जो करना था, मैंने कर दिया है। तुम वही करो जो तुम करना चाहते हो।” अगले छह मिनट में, बॉर्डर पुलिस अधिकारियों तरसेम सिंह जामवाल (Tarsem Singh Jamwal) और राम सरन (Ram Saran) ने बेअंत को पकड़ लिया और मार डाला, जबकि सतवंत को गांधी के अन्य अंगरक्षकों ने गिरफ्तार कर लिया, साथ ही एक साथी भागने की कोशिश कर रहा था; वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। सतवंत सिंह को 1989 में साथी केहर सिंह के साथ फांसी दी गई थी।
आरके धवन (R.K. Dhawan) और एक पुलिस अधिकारी, दिनेश भट्ट (Dinesh Bhatt) इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को उनकी एंबेसडर कार तक ले गए। उनके राजनीतिक सचिव माखनलाल फोतेदार (Makhanlal Fotedar) भी वहां मौजूद थे। जैसे ही वे AIIMS अस्पताल के लिए रवाना हुए, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) मम्मी-मम्मी चिल्लाते हुए दौड़ती हुई आईं। वे सभी इंदिरा गांधी को सुबह 9:30 बजे AIIMS ले गए, जहां डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया और दोपहर 2:20 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

सलमा सुल्तान (Salma Sultan) ने गांधी की हत्या की पहली खबर दूरदर्शन (Doordarshan) की शाम की खबर पर 31 अक्टूबर 1984 को दी, उनकी हत्या के दस घंटे से अधिक समय बाद। गांधी के पार्थिव शरीर को 1 नवंबर की सुबह दिल्ली (Delhi) की सड़कों से होते हुए तीन मूर्ति भवन ले जाया गया। शक्ति स्थल (Shakti Sthal) नामक क्षेत्र में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के स्मारक राज घाट के पास 3 नवंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया और उनके बड़े बेटे और उत्तराधिकारी राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने चिता को अग्नि दी।

हत्या के परिणाम:
इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात देश के कई इलाकों में सिख विरोधी दंगे भड़के जिसमें लगभग 8000 बेकसूर सिखों को मार दिया गया। गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित Justice Thakkar आयोग ( Justice Manharlal Pranlal Thakka अध्यक्षता में) ने हत्या के पीछे साजिश के कोण के लिए एक अलग जांच की सिफारिश की। सतवंत सिंह और कथित साजिशकर्ता केहर सिंह को मौत की सजा सुनाई गई थी और दोनों को 6 जनवरी 1989 को फाँसी दे दी गई।

प्रधानमंत्री Narendra Modi ने पूर्व प्रधान मंत्री Indira Gandhi पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी:
On her death anniversary, paying tributes to India’s former Prime Minister, Smt. Indira Gandhi Ji.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2021
काँग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और Indira Gandhi के पोते Rahul Gandhi ने पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी दादी को श्रद्धांजलि अर्पित करी:
मेरी दादी अंतिम घड़ी तक निडरता से देश सेवा में लगी रहीं- उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
नारी शक्ति की बेहतरीन उदाहरण श्रीमती इंदिरा गांधी जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/IoElhOswji
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 31, 2021
काँग्रेस महासचिव Priyanka Gandhi Vadra ने भी एक पुरानी तस्वीर साझा करके पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी दादी Indira Gandhi को श्रद्धांजलि दी:
आपका जीवन साहस, निडरता और देशप्रेम का संदेश है।
आपका जीवन आदर्शों की राह पर चलते हुए न्याय के लिए लड़ते रहने का संदेश है। #IndiraGandhi#लड़की_हूँ_लड़_सकती_हूँ pic.twitter.com/qbI414t7Li
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 31, 2021
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Faraaz
Faraaz is pursuing PG Diploma in TV Journalism from Jamia Millia Islamia, New Delhi.