नॉर्वे (Norway) के चरम दक्षिणपंथी समूह ने इस्लाम (Islam) के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया जिसमें पवित्र कुरान (Quran) की एक प्रति को जलाने की कोशिश की गयी. इस समूह का नाम स्टॉप इस्लाइज़ेशन ऑफ़ नॉर्वे (SION), (जिसका मतलब है नॉर्वे को इस्लामीकरण से बचाना).
नॉर्वे में एक इस्लाम विरोधी रैली के दौरान मुस्लिम समाज के पवित्र धर्मग्रंथ कुरान (Quran) की एक प्रति को जलाने की कोशिश की गयी. इस नापाक कोशिश को रोकने के लिए एक मुस्लिम व्यक्ति ने आगे आकर क़ुरान जलाने वाले शख़्स पर हमला कर दिया. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर लोग उसे मुस्लिम समाज का हीरो बता रहे हैं.
https://twitter.com/turkey_istambul/status/1197854880100233216?s=21
Pic 1: The one who saved Mosque
Pic 2: The one who saved Quran. Two lions of Norway pic.twitter.com/gyhsTTZAgL— TEAMKHR EAGLE (@TeamKHREagle) November 22, 2019
This man (ILYAS) attacked a man who was burning Holy Quran in front of hundreds of people in Norway. He's our hero. May Allah bless this man and all Muslims with more boldness and courage. ❤️ pic.twitter.com/mNJrM3js9t
— Quran & Hadith (@QuranAndHadithh) November 22, 2019
इस मुस्लिम व्यक्ति का नाम उमर इलियास बताया जा रहा है. इलयास ने लार्स थोरसन को क़ुरान को अपवित्र करने से रोका. खबरों के मुताबिक, पहली बार धार्मिक किताब की दो प्रतियां रैली के दौरान कूड़ेदान में फेंक दी गईं, जबकि थोरसेन ने दूसरे को आग लगा दी.
थोरसेन ने मुस्लिम-आबादी वाले शहर क्रिस्ट्टीयंसंद (Kristiansand) में यह काम किया था. वह एक इस्लामिक-विरोधी समूह स्टॉप इस्लाइज़ेशन ऑफ़ नॉर्वे (SIAN) का सदस्य है.
कथित तौर पर, इलियास ने पवित्र क़ुरान को अपवित्र होने से बचाने के लिए बैरिकेड घेरे को तोड़ते हुए अंदर छलांग लगा दी और थोरसन को लात मार दी. हालांकि, हाथापाई जल्द ही रोक दी गई और पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया.
नॉर्वे के क्रिस्ट्टीयंसंद शहर (Kristiansand) में मुस्लिमों की बड़ी आबादी के बावजूद, अधिकारियों ने न केवल मुस्लिम विरोधी समूह द्वारा हिंसक रैली की अनुमति दी, बल्कि थोरसन को अपवित्र कृत्य करने से भी नहीं रोका. नॉर्वे सहित दुनिया भर के मुसलमानों ने इस घटिया हरकत की निंदा करते हुए थोरसन के खिलाफ घृणा अपराध का मामला दर्ज करने का आह्वान किया है.
इलियास को दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा नायक के रूप में सम्मानित किया जा रहा है, जिसके साथ ही लोगों ने यूरोप और दुनिया भर में इस्लामोफोबिया के बढ़ने पर भी आवाज़ उठायी.