जहाँ एक तरफ़ भारत देश आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर छात्रों को फ़ीस में हुयी लगभग 400 प्रतिशत तक की वृद्धि के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी जेएनयू, (JNU) प्रशासन ने हाल ही में अपने निदेर्शों में छात्रावास, मेस और सुरक्षा फीस में 400 प्रतिशत की वृद्धि की है. इसके साथ ही नए निदेर्श में छात्रावास और लाइब्रेरी आने-जाने की समय सीमा भी सीमित कर दी है.
आज जेएनयू में दीक्षांत समारोह (Convocation) भी आयोजित किया गया है, जिसमें मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित है. इस समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) और उपराष्ट्रपति वैकैया नायडू (Venkaiah Naidu) पहुंचे हैं.
दीक्षांत समारोह के साथ ही हज़ारों छात्र प्रदर्शन पर उतर आए. पुलिस ने वाटर कैनन और बल प्रयोग करके छात्रों को वहां से हटाने का प्रयास किया. पूरा कैंपस छावनी में तब्दील हो गया. छात्रों का आरोप है कि कुलपति प्रो एम जगदीश कुमार ने जेएनयू को पूरी तरह प्राइवेट करने की मंशा से हॉस्टल की फीस 3000 प्रतिशत तक बढ़ा दी है.
हॉस्टल-फीस वृद्धि को लेकर जेएनयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया जब वह पुलिस और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए, जिन्हें वसंत कुंज में एआईसीटीई (AICTE) सभागार में तैनात किया गया था.
जब छात्रों ने बैरिकेड्स तोड़ दिया और हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाए, कुलपति एम जगदीश कुमार को “चोर” कहा, तब पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पानी की तोप का इस्तेमाल किया.
Rumours are being spread by some motivated students about new hostel manual recently approved by Inter Hall Administration (IHA) committee. JNU administration appeals to student community not to be misled by those who are trying to derail the normal functioning of the University. pic.twitter.com/XEH1ZeTbun
— Mamidala Jagadesh Kumar (@mamidala90) November 1, 2019
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करने के साथ प्रशासन से हॉस्टल ड्राफ्ट मैनुअल और फीस वृद्धि को पहले जैसा करने की मांग की. वहीं कैंपस में सीआरपीएफ की तैनाती को लेकर जेएनयू प्रशासन ने अब तक कोई बयान नहीं दिया.
स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. मौलाना आज़ाद स्वतंत्र भारत में शिक्षा के प्रमुख वास्तुकार थे.
उन्होंने भारत को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा पर अत्यधिक बल दिया. मगर आज के ही दिन उनको ऐसी श्रधांजलि दी जायेगी ऐसा उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा.