सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अली सोहराब जिन्हे काकावाणी के नाम से जाना जाता है, को शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली से गिरफ़्तार कर लिया. उनकी गिरफ़्तारी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुई. पोस्ट के बारे में पुलिस का दावा है कि उनके पोस्ट आपत्तिजनक थे.
सोहराब को धारा 295 A, 295 B, 66, 67 आईटी एक्ट (IT Act) के तहत गिरफ्तार किया गया. ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद सोहराब को दिल्ली से लखनऊ ले जाया गया. 18 अक्टूबर को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद सोहराब ने एक ट्वीट किया, जिसके चलते लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी और उन्हें गिरफ्तार किया गया.
सोहराब ने कथित रूप से एक ट्वीट किया जिसमें में कमलेश तिवारी की हत्या पर जश्न का संकेत प्रतीत किया गया. अली सोहराब सोशल मीडिया पर एक चर्चित शख़्सियत हैं और अक्सर भारत में मुसलमानों के मुद्दों पर राय देते हैं.
अनस तनवीर जो इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन के फाउंडर हैं उन्होने एक ट्वीट में सोहराब की गिरफ़्तारी के मामले में जानकारी दी. हालांकि उन्होंने साफ़ किया वे सोहराब के पोस्ट से सहमती नहीं रखते. लेकिन वह इस मामले पर नजर बनायें हुवे हैं, और लखनऊ में वकीलों से बात कर रहे हैं.
An FIR registered in P.S. Hazratganj, Lucknow has resulted in arrest of @AliSohrab007 . Transit remand has been granted.
Never agreed with him but we're keeping an eye on this development.
Speaking to lawyers in Lucknow.— बुकरात वकील (انس) (@Vakeel_Sb) November 16, 2019
अनस ने यह भी कहा कि चूंकि सोहराब के खिलाफ जो आरोप लगे हैं उसमें तीन साल से अधिक की सजा नहीं झेलनी पड़ती, इसलिए जमानत मिलना मुश्किल नहीं होना चाहिए.
इस बीच, ट्विटर पर हैशटैग #ReleaseAliSohrab ट्रेंड कर रहा है जो उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहा है.