टोक्यो पैरालंपिक में नोएडा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, सुहास यथिराज ने पुरुष बैडमिंटन सिंगल्स SL4 में रजत पदक जीत कर इतिहास रच दिया है। फाइनल में यथीराज को फ्रांस के शटलर, लुकास मज़ूर से हार का सामना करना पड़ा।
31 मार्च 2021 को नोएडा के DM पद सम्हालने वाले सुहास ने ये साबित कर दिया है की एक व्यक्ति इंजीनियर और IAS अफसर होने के साथ साथ, एक पैरालंपिक मेडलिस्ट भी हो सकता है। आपको बता दें की सुहास ने सन् 2004 में सुरथकल, कर्नाटक के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ब्रांच में फर्स्ट क्लास डिस्टिंक्शन प्राप्त करी थी।

उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के IAS अफसर, सुहास यथिराज ने साल 2016 में बीजिंग में हुई एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल कर, Noiअंतरराष्ट्रीय प्रोफेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय अधिकारी बने। उन्होंने इंडोनेशिया के हैरी सुसांतों को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। उस समय वह आजमगढ़ के ज़िला अधिकारी थे।
दिसंबर 2016 में ही उन्हें, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक नागरिक सम्मान, यश भारती से नवाज़ा गया था।
सुहास यथिराज की पत्नी और गाज़ियाबाद की ADM, ऋतु सुहास ने IAS और अपने पति के पैरालंपिक मेडल जीतने पर मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा:
“ये बहुत ही अच्छा खेला गया मैच था और ये 6 साल की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है”।

Faraaz
Faraaz is pursuing PG Diploma in TV Journalism from Jamia Millia Islamia, New Delhi.