जनवरी, 1990 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकवादियों के हमले में शहीद होने वाले स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना का नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जोड़ा गया है. स्क्वाड्रन लीडर खन्ना पर 27 गोलियां दागी गई थीं. इस हमले में तीन अन्य वायु सैन्यकर्मी भी शहीद हो गए थे.
अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर हमले का आरोप है. सीबीआई ने इस मामले में यासीन मलिक के खिलाफ टाडा कोर्ट जम्मू में मामला दर्ज किया था. मलिक पर पिछले महीने जम्मू में दोबारा मुकदमा शुरू हुआ है.
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक इंडिया गेट पर स्थित है. यह उन रक्षाकर्मियों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. तीन सशस्त्र सेनाएं सैनिकों के नाम को मंजूरी देती हैं. उसके बाद ही उनका नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शामिल किया जाता है.
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में स्क्वाड्रन लीडर खन्ना का नाम छूट गया था और अब गलती को सुधार लिया गया है. वायुसेना की मंजूरी के बाद उनका नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जोड़ा गया. 29 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना का नाम अब नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल किया गया.
इस उपलब्धि पर उनकी पत्नी निर्मल खन्ना ने रविवार को खुशी जाहिर करते हुए कहा-अब लगता है कि मुझे भारत की बेटी के रुप में स्वीकार किया गया है.