Maharashtra: महाराष्ट्र के वरिष्ठतम और सम्मानित भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी अब्दुर रहमान (Abdur Rahman) ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का विरोध करते हुए कथित रूप से अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
बुधवार को उन्होंने बिल पर नाराज़गी जताते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. जिसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी. एक ट्वीट में उन्होंने बताया कि, नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) संविधान की मूल विशेषता के ख़िलाफ़ है. मैं इस विधेयक की निंदा करता हूं. सविनय अवज्ञा में, मैंने कल से कार्यालय में उपस्थित नहीं होने का फ़ैसला लिया है. मैं आखिरकार सेवा छोड़ रहा हूं.
The #CitizenshipAmendmentBill2019 is against the basic feature of the Constitution. I condemn this Bill. In civil disobedience I have decided not attend office from tomorrow. I am finally quitting the service.@ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/Z2EtRAcJp4
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
बाद में उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा, यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है. मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें. यह संविधान की मूल विशेषता के खिलाफ है.
This Bill is against the religious pluralism of India. I request all justice loving people to oppose the bill in a democratic manner. It runs against the very basic feature of the Constitution. @ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/1ljyxp585B
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
इससे पहले भी उन्होंने बिल पर विरोध जताया था. 9 दिसम्बर को उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019, संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है और इसकी मूल विशेषता के खिलाफ है. यह धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. मैं इसकी निंदा करते हैं.
The #CitizenshipAmendmentBill2019 violates Article 14 of the Constitution and against its basic feature. It discriminates persons on the basis of religion. It's an act to demonize 200 million Muslims in India.
We condemn #CitizenshipAmendmentBill— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 9, 2019
यह संविधान के लिए एक अभिशाप है और अगर इसे पारित किया जाता है, तो यह भारत के संसदीय इतिहास पर एक काला धब्बा होगा.
It's an anathema to the Constitution and if passed will be a black spot in the Parliamentary history of India. #CitizenshipAmmendmentBill
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 9, 2019
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के वरिष्ठतम और सम्मानित IPS अधिकारी अब्दुर रहमान को हाल ही में विशेष महानिरीक्षक (राज्य मानवाधिकार आयोग), मुंबई के रूप में नियुक्त किया गया था. अब्दुर रहमान ने दो प्रसिद्ध पुस्तकें भी लिखी हैं, जो भारतीय मुसलमानों की वर्तमान स्थितियों और पुलिस विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी को उजागर करती हैं.
सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने और यवतमाल में सांप्रदायिक दंगों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रतिष्ठित महात्मा गांधी शांति पुरस्कार (2008) से सम्मानित किये जा चुके हैं. महाराष्ट्र सरकार द्वारा राजीव गांधी प्रशासनिक उत्कृष्टता पुरस्कार (2008) से भी सम्मानित हो चुके हैं.
चंद्रपुर और यवतमाल जैसे जिलों में नक्सल विरोधी अभियान के लिए पुलिस महानिदेशक (2012) के विशेष सेवा पदक से सम्मानित किया गया. धुले शहर में यातायात नियंत्रण के आधुनिक तरीकों और सफलतापूर्वक आयोजन के लिए पीपुल्स फोरम अवार्ड से भी नवाजे गये हैं.
अब्दुर रहमान, बेस्टसेलर “Denial and Deprivation: Indian Muslims after the Sachar Committee and Rangnath Mishra Commission Reports” के लेखक है. पुस्तक को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है.