Maulana Kalbe Sadiq passed away: वरिष्ठ शिया धर्मगुरु और इस्लामिक स्कॉलर Maulana Kalbe Sadiq का मंगलवार लखनऊ में निधन हो गया है.
17 November को उन्हें सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया के चलते अस्पताल में दाखिल कराया गया था. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें अस्पताल में भी वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा हुआ था.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Borad) के उपाध्यक्ष (Vice President) विख्यात मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक की हालत पिछले कुछ दिनो से गंभीर थी.
मौलाना कल्बे सादिक राजधानी Lucknow स्थित एरा मेडिकल कॉलेज (Era Medical College) में पिछले करीब डेढ़ महीने से भर्ती थे. उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
हालांकि कोविड-19 जांच रिपोर्ट में उनमें इस संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. उनके रक्तचाप और ऑक्सीजन के स्तर में लगातार गिरावट होने पर उन्हें मंगलवार की शाम ICU में भारती किया गया था.
Maulana Kalbe Sadiq Passed Away in Lucknow.
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मौलाना कल्बे सादिक पूरी दुनिया में अपनी उदारवादी छवि के लिये जाने जाते हैं. शिया सुन्नियों को एक करने की कोशिशों को हमेशा याद किया जाएगा.
मजहबी गुरु होने के साथ-साथ उनकी यह कोशिश रही कि हर हिंदुस्तानी पढ़े, तरक्की करें, चाहे वह जिस मजहब का हो.
मौलाना कल्बे सादिक की तालीम मदरसा नाजमिया में हुई, उसके बाद सुल्तानुल मदरिस से डिग्री हासिल की. लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) से स्नातक किया, फिर अलीगढ़ गए जहां से MA और PHD किया.
वह कहा करते थे कि ‘मेरा जी चाहता है की जरदोज के हाथों से सुई छीन कर कलम थमा दूं और मूंगफली बेचने वाले का बच्चा भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़े’.
मौलाना कल्बे सादिक ने पूरी जिंदगी शिक्षा को बढ़ावा देने और लोगों के बीच जहिल्यात को दूर करने में अहम भूमिका निभाई है.
इसलिए कहा जाता है कि जब तक यूनिटी कॉलेज, एरा कॉलेज जैसे उनके कायम किए हुए शिक्षण संस्थान मौजूद हैं, मौलाना जिंदा हैं.