स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. 31 जनवरी को मनदीप पुनिया की तिहाड़ जेल के कोर्ट नंबर-दो में पेशी हुई. किसान आंदोलन कवर कर रहे मनदीप को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी की शाम को पहले हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली पुलिस ने पुनिया के खिलाफ चार धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. मनदीप पर IPC की धारा 186 (सरकारी काम में बाधा पहुंचाना) IPC की धारा 353 (सरकारी अधिकारी पर हमला करना) IPC की धारा 332 (लोकसेवक को चोट पहुंचना) और IPC की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
The Caravan मैगजीन के लिए फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर काम कर रहे मनदीप पुनिया सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन कवर कर रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो बैरिकेड्स के पास से निकल रहे थे, जब कुछ पुलिसवालों ने उन्हें पकड़ा.
जिस समय मनदीप पुनिया को हिरासत में लिया गया, संयुक्ति किसान मोर्चा ने ट्वीट कर कहा,
मनदीप पुनिया ने पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं की सांठगांठ को उजागर किया. उन्होंने पथराव करने वाले गुंडों के बीच कई भाजपा कार्यकर्ताओं की पहचान की. उन्होंने कुछ मीडिया आउटलेट्स के हैकॉजर्स को भी समझाया. इस कारण उसे हिरासत में लिया गया है. #ReleaseMandeepPunia
द इंडियन एक्सप्रेस ने एक सीनियर पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया,
पुनिया प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े थे और उनके पास प्रेस आईडी कार्ड नहीं था. वो बैरिकेड्स के बीच में से निकल रहे थे, जो इलाके की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं. पुलिसकर्मियों और उनके बीच विवाद शुरू हो गया. उन्होंने दुर्व्यवहार किया. तब उन्हें हिरासत में लिया गया.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बताया कि सिंघु बॉर्डर पर स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली पुलिस ने पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने और लोक सेवक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में बाधा डालने के लिए गिरफ्तार किया है.
इससे पहले पुनिया के साथ-साथ दूसरे पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को भी हिरासत में लिया था, लेकिन पुलिस ने धर्मेंद्र को रविवार की सुबह करीब 5.30 बजे छोड़ दिया, जबकि पुनिया के खिलाफ आरोप दर्ज कर लिया.
पुनिया को हिरासत में लेने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिस के जवान उसे घेरे हुए हैं और कहीं लेकर जा रहे हैं. हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पुनिया ने सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शेयर किया था. इसमें उन्होंने कहा था कैसे खुद को स्थानीय होने का दावा करने वाली भीड़ ने आंदोलनस्थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था.
ट्विटर पर #MandeepPunia ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. #ReleaseMandeepPunia के साथ लोग पत्रकार की रिहाई की मांग कर रहे हैं. कई पत्रकारों और नेताओं ने मनदीप पुनिया की रिहाई की मांग की है.वहीं पत्रकार की रिहाई की मांग को लेकर कई पत्रकारों ने पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मनदीप की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर हमला बोला. एक वीडियो शेयर कर उन्होंने लिखा-
“जो सच से डरते हैं, वे सच्चे पत्रकारों को गिरफ्तार करते हैं.”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लिखा,
भाजपा सरकार द्वारा पत्रकारों एवं जन प्रतिनिधियों को FIR कर धमकाने का चलन बहुत ही खतरनाक है. लोकतंत्र का सम्मान सरकार की मर्ज़ी नहीं बल्कि उसका दायित्व है. भय का माहौल लोकतंत्र के लिए ज़हर के समान है.भाजपा सरकार ने वरिष्ठ पत्रकारों व जन प्रतिनिधियों को धमकाने के लिए FIR करके लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया है. किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनपर मुकदमें किए जा रहे हैं. कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया है. भाजपा सरकार किसानों की आवाज को कुचलना चाहती है लेकिन वे भूल गए हैं कि जितना दबाओगे उससे ज्यादा आवाजें आपके अत्याचार के खिलाफ उठेंगी.
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुडा ने भी ट्वीट करके मनदीप की रिहाई की मांग की है. कई और नेता पुनिया की रिहाई की मांग कर रहे हैं.