Fact Check: 5 सितंबर को मुज़फ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत को लेकर एक फेक पोस्ट आज कल सोशल मीडिया पर काफी शेयर हो रहा जिसमें दावा किया जा रहा है की मुज़फ्फरनगर किसान महापंचायत में मुस्लिम समुदाय ने सोची समझी साजिश के तहत किसानों को हलवे मे थूक मिला कर परोसा।
आपको बता दें की यह वायरल पोस्ट हमें व्हाट्सएप के माध्यम से मिला।
Photoshopped और fake ट्वीट के बल पे झूठा दावा: Fact Check
वाइरल पोस्ट मे दो फोटो, एक विडिओ और एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट है। उस ट्वीट मे लिखा है:”माशा अल्लाह कल हम मुसलमानों ने मुज़फ्फरनगर रैली में राकेश टिकैत, पूनम पंडित समेत करीब 5 लाख + काफिरों को थूक वाला हलवा खिलाया व अन्य पकवान खिलाकर अल्लाह हु अकबर का नर काफिरों के मुँह से बुलंद करवा विश्व रिकार्ड बना दिया हुकूमत ए हिन्द से गुजारिश है इसे लिमका बुक समेत विश्व रिकार्ड घोषित किया जाए”।
सबसे पहले तो हमने इस ट्वीट की पड़ताल की और इसस twitter username को सर्च करने पर इस नाम की कोई प्रोफाइल नहीं मिली। इससे ये साफ हो गया की ये ट्वीट फॉटोशॉप की मदद से एडिट किया गया है या फिर फेक प्रोफाइल से फेक ट्वीट किया गया है।
2 साल पुराना विडिओ किसान महापंचायत के समय के दावे से किया शेयर: Fact Check
वाइरल पोस्ट में जिस विडिओ को दिखाया गया है, जब हमने उसकी पड़ताल की तो पता चल ये वीडियो लगभग 2 साल पुराना है।
पड़ताल करने पर हमे पता चल की ये वीडियो 2020 से सोशल मीडिया पर वायरल है। जनवरी 2020 मे इसे शाहीन बाग आंदोलन से जोड़कर भी शेयर किया गया था।
As per their religion they are supposed to spit in the food before serving it to people from other religion
Cc:@TarekFatah @Payal_Rohatgi pic.twitter.com/wR8UZuzqPL
— Roop Darak BHARTIYA (@iRupND) January 20, 2020
इसी वीडियो का फैक्ट चेक India Today ने जनवरी 2020 मे ही किया था। उस वक्त भी सोशल मीडिया पर इसे इस झूट के साथ शेयर किया जा रहा था की शाहीन बाग आंदोलन मे मुस्लिम समाज के लोग गैर मुसलमानों को थूका हुआ खाना खिला रहे हैं:
India Today ने अपने जनवरी 2020 के फैक्ट चेक मे लिखा था की ये वीडियो youtube पे साल 2018 से मौजूद है इसलिए हमने उसे ढूंढा लेकिन विडिओ अब youtube से हट दिया गया है।
इतना ही नहीं, यह वीडियो पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लेहर के दौरान भी गलत दावे के साथ शेयर हुआ था, तब Alt News ने इसको वेरिफाई किया था।
वीडियो को करीब से देखने में हमे पता चला की उसमें दिख रहा शख्स खाने पर थूकने के बजाए उसपे कुरान की आयत पढ़के फूँक छोड़ रहा है। मुस्लिम समाज में ऐसा अक्सर होता है जब लोग खाने पे कुरान की कुछ आयत को पढ़के फूंकते हैं और खाना बक्श देते हैं। इतनी जांच के बाद ये भी साबित हो गया था की न तो ये वीडियो किसान महापंचायत का है और न ही इसमे दिख रहे शकस खाने पर थूक रहे हैं। हालांकि वीडियो का सोर्स पता करने में हम नाकामयाब रहे इसका हमें खेद है।
हलवा बांटते हुए फोटो गलत दावे से वाइरल: Fact Check
अब बात करते हैं वाइरल फ़ोटोज़ की। तो हमने फोटो को लेकर भी काफी रीवर्स सर्च और पड़ताल करी और ट्विटर पर हमें ये दोनों फोटो मिलीं। ये दोनों फोटो 5 सितंबर को मुज़फ्फरनगर किसान महापंचायत की ही हैं लेकिन जिस साम्प्रदायिक दावे के साथ इन्हे शेयर किया जा रहा है वो सरासर गलत हैं।
ट्वीटर पर सर्च करने पर हमें @Amitjanhit नामक ब्लू टिक ट्विटर हैन्डल पर ये दोनों फोटो मिलीं :
Godi media never shows this :
Muslim community providing langar of halwa to the protesting farmers in Muzaffarnagar #MahaPanchayat pic.twitter.com/fFOPb8MHHc
— Amit Mishra (@Amitjanhit) September 5, 2021
दोनों मे से एक तस्वीर और इससे जुड़ा एक विडिओ भी हमें @TribalArmy के ट्विटर हैन्डल से मिला:
Muslim community providing langar of halwa to the protesting farmers in Muzaffarnagar during their massive rally today.#मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत#FarmersProtest #Muzaffarnagar pic.twitter.com/jAKCTAPT1O
— Tribal Army (@TribalArmy) September 5, 2021
मुजफ्फरनगर में दिखी मुस्लिम-जाट किसान एकता। यह हलवा खिलाने वाले युवक की तस्वीर रात दिन हिंदू मुस्लिम करने वाले लोगों की नींद उड़ा देगी। किसान आंदोलन ने देश में एक नया भाईचारा स्थापित किया है। #मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत pic.twitter.com/zvsIPZ6fAa
— Tribal Army (@TribalArmy) September 5, 2021
तो दोस्तों उम्मीद है हमारे Fact Check से आपको समझ आया होगा जो वीडियो और ट्वीट सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर हो रहा है वो सरासर झूट है और किसान महापंचायत कै दौरान मुस्लिम समाज की हलवा बांटते हुए फ़ोटोज़ को बेबुनियाद दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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Faraaz
Faraaz is pursuing PG Diploma in TV Journalism from Jamia Millia Islamia, New Delhi.