Babri Masjid Demolition Verdict: लगभग 28 वर्षों के बाद, 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Demolition Case) में लखनऊ की एक विशेष अदालत (Lucknow Special Court) 30 September, बुधवार (Wednesday) को अपना फैसला सुनाएगी.
इस विध्वंस ने देश के कई हिस्सों में दंगे भड़का दिए थे, जिसमें लगभग 2,000 लोग मारे गए थे. कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहने का निर्देश दिया है.
32 आरोपियों की सूची में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani), उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh), भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti), विनय कटियार (Vinay Katiyar) और साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) शामिल थे.
1 Sep को, सभी 32 आरोपियों के बयान CrPc की धारा 313 के तहत दर्ज किए जाने के बाद, बचाव पक्ष ने अदालत में लिखित तर्क प्रस्तुत किए. अभियोजन पक्ष ने एक सप्ताह पहले अपने तर्क प्रस्तुत किए थे.
मुकदमे के दौरान, अदालत ने 354 अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच की. मामले में दर्ज कुल 49 आरोपियों में से 17 की मौत हो चुकी है.
क्या है पूरा मामला (Babri Masjid Demolition Case) ?
यहाँ पढ़े | बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मिलेगी दोषियों को सज़ा ?
आज के इस फ़ैसले (Babri Masjid Demolition Verdict) पर देश की निगाहें टिकी है. क्या बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषियों को सज़ा मिलेगी, या हल्की-फुल्की सज़ा देकर छोड़ दिए जाएँगे.